युवराज सिंह की एकदिवसीय टीम में वापसी अब मुश्किल
भारत के तरफ से 302 एकदिवसीय मैच खेल चुके युवराज सिंह की अब एकदिवसीय टीम में वापसी मुश्किल दिख रही है.एक समय ऐसा था जब युवराज सिंह टीम इंडिया का सबसे बेहतरीन मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज माने जाते थे जीत दिलवा चुके हैं. 2011 में भारत ने 28 साल के बाद वर्ल्ड कप जीतने का गौरव हासिल किया था. युवराज सिंह इस वर्ल्ड कप में 9 मैचों में 362 रन बनाए थे और “मैन ऑफ़ सीरीज” भी बने. युवराज सिंह की ज़िंदगी काफी संघर्ष पूर्ण रही, लेकिन फिर भी एक हीरो की तरह वह ज़िंदगी की जंग से लड़ते रहे और जीते भी. कई बार ख़राब फॉर्म से उन्हें जूझना पड़ा. वह जब अपने करियर के अच्छे फॉर्म में वह थे, तब उन्हें लंग कैंसर हुआ, लेकिन फिर भी वह इस कैंसर से लड़ते हुए पूरी तरह ठीक हुए और क्रिकेट के मैदान पर लौटे. इस बीमारी की वजह से करीब एक साल युवराज को क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. जब वापस आए, तब वे उस फॉर्म में नहीं थे. आईपीएल से लेकर रणजी ट्रॉफी तक युवराज फ्लॉप हो रहे थे, लेकिन युवराज हार मानने वाले नहीं थे. एक तरफ अपनी फिटनेस बनाए रखते थे तो दूसरी तरफ फॉर्म में वापसी के लिए काफी मेहनत करते थे. घरेलू मैच में काफी अच्छे प्रदर्शन के वजह से कैंसर से पूरी तरह ठीक होने के बाद युवराज सिंह ने 11 सितंबर 2012 को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी-20 मैच खेला. फिर उनको टेस्ट और एकदिवसीय टीम में मौक़ा मिला था.: टीम इंडिया के चयन कर्ता अब 2019 में इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप को देखते हुए टीम की तैयारी में लगे हुए हैं. अब टीम में उन खिलाडियों को मौका मिल रहा है जो अच्छा प्रदर्शन कर करने के साथ-साथ युवा भी है. युवराज सिंह का उम्र अब 36 साल है और 2019 वर्ल्ड कप तक वो 38 साल के हो जाएंगे. ऐसे में वह अपने आप को कितना फिट रख पाते हैं यह देखने वाली बात होगी. अगर पिछले कुछ मैचों पर नज़र डाला जाए तो युवराज सिंह का प्रदर्शन इतना ख़राब भी नहीं रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मैचों में वापसी करने के बाद युवराज 11 पारियों में 41.33 के औसत से 372 रन बनाए हैं जिस में एक शानदार शतक और एक अर्धशतक भी शामिल है. लेकिन अब दूसरे खिलाड़ी युवराज से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
.